"चापोड़ा" के नाम से प्रसिद्द यह चीटियाँ झुण्ड बनाक वृक्ष के घने पत्तों के बिच अपना घर बना कर रहती है, इनका उपयोग ग्रामीण बस्तर में स्वादिस्ट चटनी बनाने के लिए किया जाता है. यह माना जाता है की यदि कोई बुखार पीड़ित व्यक्ति इस चटनी को खाले या इस चीटी से कटवा लिया जाये तो बुखार चला जाता है