पांच खंडो की धरती गोंडवाना और भारत का गोंडवाना राज्य

Gond Gotul
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 गोंडवाना

पांच खंडो का एक स्थलखंड जिसमे भारत, आस्ट्रेलियादक्षिणी अमरीकाऐंटार्कटिकादक्षिणी अफ्रीका आते थे जिसे गोंडवाना या गोंडवाना लैंड के नाम से जाना जाता है गोंडवाना लैंड का नाम एडुअरड सुएस ने भारत के गोंडवाना प्रदेश के नाम पर रखा है। और यह प्रदेश नर्मदा नदी के दक्षिण की ओर एक विशाल क्षेत्र में फैला हुआ था, और इसी क्षेत्र से गोंडवाना काल की शिलाओं का सबसे पहले विज्ञानजगत को ज्ञात हुआ था। 

 गोंडवाना क्यों प्रसिध्द है ? 

गोंडवाना के प्रसिध्दी को जानने के लिए हमे जुरैसिक (Jurassic) युग के पूर्व के काल खंड का अध्ययन करना होगा, क्यूंकि गोंडवाना का विकास पुराकल्प के अंतिम काल से आरंभ होकर मध्यकल्प अर्थात्‌ जुरैसिक (Jurassic) युग के अंत तक चला है । यानी अंतिम कार्बन युग (Carboniferous) से आरंभ होकर जुरैसिक (Jurassic) युग के अंत तक 

गोंडवाना इस लिए भी प्रशिद्ध है क्यूंकि इस संसार में जीव की उत्पत्ति इसी स्थल खण्ड में हुआ है


गोंडवाना का विकास


आज  से लगभग 250 मिलियन वर्ष पहले यह धरती एक विशाल महाद्वीप के रूप में था जिसे पैंजिया  कहाँ गया, गोंड लोगो की गोंडी भाषा में पैंजिया को पेन ता जिया अर्थात एक शक्तिशाली जीव जो  200 मिलियन वर्ष पहले दो हिस्से में टूटना शुरू हुआ. जब पैंजिया दो हिस्से में टूट गया तो एक हिस्से को लॉरेशिया और दुसरे हिस्से का नाम गोंडवाना रखा गया गोंडवाना भूभाग आज के समस्त दक्षिणी गोलार्ध के अलावा भारतीय उप महाद्वीप और अरब प्रायद्वीप जो वर्तमान मे उत्तरी गोलार्ध मे है का उद्गम स्थल है।
 

गोंडवाना राज्य 

गोंडवाना मध्य भारत का एक ऐतिहासिक क्षेत्र रहा है जिसमे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आंद्रप्रदेश और 
महाराष्ट्र राज्य के कुछ हिस्से शामिल थे। हाथी के ऊपर सिंह की सवारी इस राज्य की पहचान थी जिसे आज भी इन क्षेत्रों के मंदिरो और राज महलों में देखा जा सकता है



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