सूरज उगता है और डूबता है... न लेता है किसी से इम्तिहान

Rakesh Darro
1


दोस्ती आपसे हुई नही थी,,
करते थे हम ये काम।।
पैसे हमारे पास थे नही ,,
लिखते थे सुबह - शाम।।
ईमानदारी ही हमारी पहचान थी,,
लोगो से थी आस।।
राजनीती की कूट नीति से,,
एकदम से,थे हम अंजान ।।
आज नही तो कल,,
करेंगे ,लोगो के दिलो में राज ,,
आया है ,ऐसा पैगाम ।।
नियम यही है,,
सूरज उगता है और डूबता है।।
न लेता है किसी से इम्तिहान ।।
जय हिन्द !
लेखक एवं प्रेषक - संतराम सलाम , कोदागांव ब्लॉक - अंतागढ़, जिला - उ ब कांकेर (छत्तीसगढ़) मो नम्बर 08827522551

Post a Comment

1Comments

गोंड गोटुल का यह लेख आपको कैसे लगा, अपनी राय जरुर दें

  1. बहुत अच्छा लेकिन जय हिन्द अर्थ क्या है अभी तक मै समझा नहीं.....

    ReplyDelete
Post a Comment

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!